Friday, November 08, 2013

2Lines {9-Oct-2013}: ख़ामोश चेहरे



ख़ामोश चेहरे यूं बोल उठते हैं, ग़ुलशन-ए-बेबाक के फरमान हो गये |

वो खूब कहे, रुक रुक के कहे, फिर यकायक ही चुप सरेआम हो गये |

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