Friday, April 13, 2007

हम उनके एक सवाल पे हँस के रह गये |

हम दुनिया के जाल में फँस के रह गये,

हम जिंदगी कि चाल में फँस के रह गये |

हर दिन बेगाना है, हर रात बेगानी है,

हम उनके एक सवाल पे हँस के रह गये |

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